इन्दोर।पत्रकारिता में माफिया राज़ के खात्मे के साथ ही सरकार की नजर अब पत्रकारिता शिक्षा के केंद्रों पर है। पिछले पंद्रह सालों से बीजेपी शासन में ऐसे संस्थानों में मनमानी और विशेष विचारधारा की नियुक्तियां हुई। भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में सरकार पहले ही सफाई कर चुकी है, अब इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सफाई की तैयारी है। सरकार को स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म तक्षशिला कैंपस को लेकर बड़ी शिकायतें मिलीं हैं। जयंत सोनवलकर और उनके बाद यहां विभागाध्यक्ष पद पर बीजेपी की विचारधारा को पालने पोसने वाली नियुक्ति हुई। यहां का पूरा माहौल कांग्रेस विरोधी और बीजेपी के पक्ष में है। यहाँ की पढाई में इसी बात का जोर है। कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी पंकज संघवी जब स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म में जनसम्पर्क करने पहुंचे तब विभागाध्यक्ष सोनाली नरगुंदे की मौजूदगी में पत्रकारिता के स्टूडेंट्स ने संघवी के खिलाफ खुलकर नारे लगाए। कांग्रेस विरोधी नारे भी लगे। जानकारी में ये बात भी आई है कि गेस्ट फैकल्टी भी विशेष विचारधारा वालों को ही मौका मिलता है। इन सब शिकायतों की जांच के अब अब स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म पर बड़ी कार्रवाई होना तय है। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलपति कुठियाला तमाम आयोजनों में सिर्फ संघी विचारधारा के लोगों को आमंत्रित करते रहे और आयोजन की विचारधारा भी ऐसी ही रही। ऐसा ही आयोजन पिछले दो साल में स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म में भी हुआ है। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुठियाला की तरह ही स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म की विभागाध्यक्ष पर कार्रवाई होना तय है।